रक्षाबंधन 03 अगस्त 2020 सोमवार सावन का पांचवा आखिरी सोमवार।
गायत्री जयंती का पर्व।
03 अगस्त 2020 से सुबह 9:28 के बाद रक्षाबंधन का मुहूर्त रात्रि 9:57 तक।
दोपहर 02 बजे से शाम 7 बजे तक चर, लाभ तथा अमृत योग।
ज्योतिष की अवधारणा :
सुबह 7:18 से सर्वार्थ सिद्धि योग होगा।
3 अगस्त 2020 चंद्र का मकर राशि में रमण, प्रीति योग का निर्माण तथा सुबह 6:40 के बाद आयुष्मान योग का निर्माण।
29 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग।
चंद्रमा अपने श्रवण नक्षत्र में, शनि सूर्य के साथ समसप्तक योग।
गुरु शुक्र के साथ समसप्तक योग।
सभी ग्रह आयु बढ़ाने के कारण भाइयों और बहनों दोनों की आयु बढ़े।
रक्षाबंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित अपराह्न व्यापिनी श्रावण पूर्णिमा में करने का विधान है -
भद्रायाम द्वे न कर्तव्ये श्रावणी - फाल्गुनी तथा....।
यदि सूर्योदय बाद उदय काल में त्रिमुहूर्त व्यापिनी पूर्णिमा हो तथा अपराह्न काल से पहले ही समाप्त हो रही हो, तब भी दूसरे दिन अपराह्न काल या प्रदोष काल में रक्षाबंधन करना चाहिए ।
यदि दूसरे दिन पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यापिनी ना हो, तब पहले दिन भद्रा समाप्त हो जाने के बाद प्रदोष आदिकाल में रक्षाबंधन करना चाहिए।
भद्रा में श्रावणी और फाल्गुनी दोनों ही वर्जित हैं, क्योंकि श्रावणी से राजा का और फाल्गुनी से प्रजा का अनिष्ट होता है।
आवश्यक परिस्थितिवश यदि भद्राकाल में ही रक्षाबंधन आदि शुभ कार्य करना पड़े तो शास्त्रकारो ने भद्रा मुखकाल को छोड़कर भद्रा पुच्छ काल में रक्षाबंधन शुभ कार्य करने की आज्ञा दी है।
भविष्य पुराण में भद्रा के पूछकाल मे किए गए कृत्य में सिद्धि और विजय होती है, जबकि भद्रा मुख में कार्य का नाश होता है।
पूछे जयावहा: , मुखे कार्य विनाशाय....।
ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से
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