राहु का राशि परिवर्तन 23 सितम्बर 2020
सूर्य का दक्षिणायन में प्रवेश : शीत ऋतु का आरंभ।
23 सितंबर 2020 को राहु और केतु ग्रह का गोचर होने वाला है। इस दिन राहु वक्री होकर मिथुन से वृषभ राशि में जाएगा। साथ ही केतु धनु से वृश्चिक राशि में परिवर्तन कर रहा है। राहु ग्रह सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर वृष राशि में प्रवेश करेगा, केतु सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर वृश्चिक राशि में होगा। इन राशियों में ये दोनों ही ग्रह 12 अप्रैल 2022 तक स्थित रहेंगे।
प्रथम चंद्र अश्विन में पांच बृहस्पतिवार होने से देश के पश्चिमी भागों जैसे कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात प्रदेशों में कई उपद्रव आतंक विस्फोटक एवं हिंसक घटनाएं घटित होने के संकेत।
कुछ प्रदेशों में उपर्युक्त वर्षा की कमी रहे, प्राकृतिक प्रकोप से जन धन संपदा को हानि पहुंचे।
अश्विन अधिक मास कथा द्वितीय चंद्र अश्विन मास में पांच शुक्रवार तथा पांच शनिवार होने से धन संपदा का प्रसार तथा अपव्यय बढ़ेगा।
विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के मध्य विग्रह टकराव गतिरोध की स्थिति बनेगी।
केंद्रीय नीति निर्णय का कारण विरोध किया जाएगा जिससे विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होगा।
दिनांक 17 को शनिवारी संक्रांति तथा 17 से ही सूर्य पर शनि की विशेष दशम तथा मंगल की अष्टम दृष्टि, मंगल पर शनि की तृतीय दृष्टि तथा मंगल शुक्र के मध्य समसप्तक योग रहने से किसी प्रदेश में *सत्ता परिवर्तन उपद्रव तथा हिंसक घटनाएं घटित होंगी।
कहीं अतिवृष्टि कहीं अल्प दृष्टि तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण वस्तुओं में कमी के कारण मूल्यों में तेजी रहे।
राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए सभी राशियों वाले जातकों को सुंदरकांड, किष्किंधा कांड, भैरव जी, गणेश जी तथा भगवती काली की साधना शास्त्रोक्त है, इन देवी देवताओं की साधना से जातकों का कल्याण निश्चित है, तथा राहु केतु से होने वाले विपरीत परिणामों का शमन होता है।
ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से
Thursday, October 8, 2020
राहु का राशि परिवर्तन 23 सितम्बर 2020
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