Thursday, July 9, 2020

गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई 2020

गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई 2020
आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह 5 जुलाई, रविवार के दिन है। आषाढ़ पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा की जाती है।

 नारदपुराण के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर ज्ञान और जीवन की सही दिशा बताने गुरु को श्रद्धांजलि देने का समय।

गुरु पूर्णिमा के पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

 इस दिन को महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास की जयंती के रूप मे भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में गुरुओं को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है।

इस साल गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई 2020 को मनाई जाएगी. इस दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है पर ये उपच्छाया है इसे ग्रहण नहीं माना जायेगा।

शुभ मुहूर्त:

गुरु पूर्णिमा की तिथि: 5 जुलाई ( उदय तिथि के अनुसार)

गुरु पूर्णिमा प्रारंभ: 4 जुलाई 2020 को सुबह 11:33 मिनट से।

गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त : 5 जुलाई 2020 को सुबह 10:13 मिनट तक।

उदय तिथि के अनुसार 5 जुलाई को किसी भी समय गुरु चरणों मे श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

गुरु पूजन में केवल और केवल भाव विशेष ही होता है, भौतिक वाद में हम गुरु पूजन में मुख्यतः जनेऊ, अंग वस्त्र, फल, मीठा, तथा कुछ दक्षिणा भी श्रेयस्कर है।

लोकेशो हरीरम्भिकास्मर हरो माता पिताभ्या गत:।
आचार्यों कुलपूजितो पतिवरो वृद्धस्थतः भिक्षुकः।।
नैते यस्य तुलाम व्रजंति कलया कारुण्य वारानिधे।
तम वंदे शिव रुपिनम  निजगुरूम सर्वार्थसिद्धि प्रदम।।

 शिव पाटल तंत्र में में श्री शिव पार्वती संवाद में शिव पार्वती से गुरु की महिमा के बारे में बताते हुए कहते हैं, कि संसार में सभी संबंधों से बढ़कर गुरु का संबंध होता है माता पिता मित्र पत्नी अन्य शाखा भी गुरु की एक कला के बराबर नहीं हो सकते।

जिन साधको ने किसी को अपना गुरु नहीं बनाया है वो अपना गुरु भगवान शिव को मान सकते हैं।

ज्योतिर्विद डॉ0 सौरभ शंखधार की डेस्क से।

No comments:

Post a Comment